किन्नर से प्यार भाग - 25




कहानी _ **किन्नर का प्यार **

अंतिम भाग _ 25 

लेखक _ श्याम कुंवर भारती।

सुनंदा अपने ऑफिस जाने के लिए तैयार हो रही थी तभी उसके घर पर है दो किन्नर आए और बोले _ जेल से पुष्पा मौसी ने आपके किया संदेश भेजा है।उसे अपने किए पर बहुत अफसोस है।वो अब सुधरना चाहती है।उसने बबिता मौसी के मेयर बनने के बाद सुना तो वो बहुत खुश हुई और आपसे बहुत प्रभावित हुई । उसे लग रहा है उसने आपके साथ जो भी किया बहुत गलत किया।अब वो आपसे मिलकर क्षमा मांगना चाहती है ।
अब वो शराफत से जिंदगी गुजारना चाहती है चाहती है और अपने किन्नर ।इसलिए वो आपसे जेल में मिलना चाहती है ।
उसकी बात सुनकर सुनंदा को बड़ा आश्चर्य हुआ।इतनी अपराधी किस्म की किन्नर इतनी जल्दी सुधरने की बात कर रही है।
उसने कहा _ ठीक है आप लोग जाईए मैं समय निकालकर उससे मिल लूंगी।
उनके जाने के बाद उसकी मां ने कहा _ बेटी अब तो हमारे पास पहला ऑपरेशन कराने के लिए पैसे का इंतजाम हो चुका है।तुम एक सप्ताह की छुट्टी ले लो ताकि तुम्हारा ऑपरेशन कराया जा सके।
थोड़ा रुक जाओ मां अभी मैं राहुल के केस में बिजी हूं। उससे निपट लूं फिर अस्पताल चलूंगी।उसने घर से बाहर निकलते हुए कहा।
उसने अपने ऑफिस की गाड़ी में बैठते हुए प्रवेश के पापा पांडेय जी को फोन किया और प्रणाम कर पूछा _ अंकल किसी सजा काट रहे कैदी को जेल से रिहा कैसे रिहा कराया जा सकता है या उसकी सजा कम कराई जा सकती है।
पांडेय जी ने बताया _ अगर सजा काट रहे कैदी का आचरण जेल के अंदर अच्छा रहा तो उसकी सजा कम की जा सकती है।
या सी आर पी सी की धारा 431(1) के तहत राज्य सरकार अपने राज्य सजा समीक्षा बोर्ड की सिफारिश पर कैदी को रिहा करा सकती है।लेकिन ये सब क्यों पूछ रही हो तुम ।
सुनंदा ने फिर आज पुष्पा के साथी किन्नरों द्वारा उसके संदेश के बारे में बताया।
उसने तुम्हारे साथ इतना बुरा किया और तुम उसकी रिहाई के बारे में सोच रही हो ।पांडेय जी ने आश्चर्य से पूछा।
अंकल कोई भी जन्मजात अपराधी नहीं होता। अगर पुष्पा सुधरना चाहती है तो उसे एक मौका देना चाहिए।
फिर उसने बबिता मौसी की फोन कर पुष्पा के संदेश के बारे बता कर कहा_ मौसी जल्दी ही हमलोग जेल चलेंगे ताकि उससे मिलकर आगे की योजना बना सके।
अब तो तुम बिजी हो गई हो ।मेयर जो बन गई हो ।मैं सोच रही हूं पुष्पा को अनाथ आश्रम और स्कूल की जिम्मेवारी दे दो ।
मौसी तुम एक काम और करो _ जैसे बाकी महिलाओ के लिए सरकार द्वारा लघु और कुटीर उद्योग हेतु प्रशिक्षण और ऋण देकर रोजगार देने का कार्य होता है ।तुम भी किन्नरों के रोजगार हेतु एक योजना बनाकर राज्य सरकार को भेजो।अब किन्नरों के जीवन में बदलाव की बहुत जरूरत है ।
राहुल अपने ऑफिस में कुछ अधिकारियों सहित उस अतिक्रमण कि गई जमीन के बारे में चर्चा कर रहा था।तभी उसके गेट पर तन तनाता हुआ विमलेश यादव अंदर जाने लगा ।लेकिन उसके दरबान ने उसे रोकते हुए कहा _ साहब अभी मीटिंग में बिजी हैं आप बाहर थोड़ा इंतजार करे ।
फिर उनसे पूछकर आपको बुला लूंगा।
लेकिन उसे एक धकलते हुए अंदर चला गया।
उसकी इस हरकत पर अंदर सभी बैठे हुए अधिकारी चौंक गए ।राहुल को भी बड़ा नाराज हुआ ।
तब तक दो गार्ड विमलेश को पकड़ लिए और कहा आप इस तरह से बुना अनुमति के अंदर नहीं आ सकते हैं।
राहुल ने कहा _ छोड़ दो उनको ये हैं जब इस तरह से आ ही गए है तो सुन लेते हैं क्या कहना चाहते है।
दोनो गार्ड ने उसको छोड़ दिया ।
बिमलेश ने कहा देखिए _ एस डी एम साहब आप बहुत गलत कर रहे हैं।आपको मेरी ताकत का अंदाजा नहीं है ।मेरी पहुंच बहुत ऊपर तक है ।
मैं चाहूं तो चुटकी बजाकर आपका ट्रांसफर करवा सकता हूं ।
इसलिए उस जमीन को खाली कराने के बारे में सोचिए भी नही ।
आपने मुझ पर एफ आई आर करा दिया ।मुझे नोटिस भेजा है और कोर्ट का आदेश भेजा है।
मैं किसी कोर्ट के आदेश को नही मानता हूं ।आप तुरंत अपनी नोटिस और एफ आई आर वापस लीजिए वरना अच्छा नही होगा ।
देखिए एक तो आपने सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर रखा है उपर से एक आई ए एस ऑफिसर को धमकी दे रहे है ।एक ऑफिसर ने खड़ा होकर कहा ।
आपकी इस हरकत पर आपको गिरफतार किया जा सकता है।
मैं धमकी नही दे रहा हूं। मैं एक्सन भी लेता हूं इतना कहकर उसने आगे बढ़कर राहुल के गाल पर एक तमाचा जड़ दिया ।
उसकी इस हरकत पर सभी हरकत में आ गए ।तभी दोनो गार्डों ने उसे मजबूती से पकड़ कर अपना रिवाल्वर उस पर तान दिया ।एक ऑफिसर ने तुरंत थाना को पुलिस दल के साथ तुरंत एस डी एम साहब के ऑफिस आने को कहा ।
थोड़ी ही देर मे थाना इंचार्ज पहुंचा ।राहुल ने कहा ,_ इस आदमी ने मेरे ऑफिस में मुझे धमकी दिया है और मुझे थप्पड़ मारा है इसे तुरंत हिरासत में लेकर हाजत में डाले ।उसने अपने सहायक से _ कहा तुरंत एक एफ आई आर तैयार कर मुझसे साइन करा कर थाना इंचार्ज को दे दो ।
थाना इंचार्ज ने अपने सिपाहियों को आदेश दिया इसे ले चलो और हाजत में डाल दो ।
 थोड़ी ही देर ने थाना में विमलेश के दर्जनों लोग पहुंचकर उसे छोड़ने का दबाव बनाने लगे ।तभी बड़े नेता का फोन आया और कहा विमलेश को छोड़ दो नही तो थाना में हंगामा हो जायेगा।
उसने कहा _ लेकिन सर इसने एस डी एम साहब को थप्पड़ मारा है ।में नही छोड़ सकता वरना मुझ पर भी एक्सन हो सकता है।
ठीक है अभी वकील जायेगा उसका जमानत पेपर लेकर तब तो छोड़ोगे न उधर से कहा गया।
सुनंदा अपने ऑफिस में अपने केस के बार में अपने सीनियर से सलाह मशवरा कर रही थी तभी उसके मोबाईल पर किसी का फ़ोन आया और कहा _ देखो शांति से समझा जा रहा हूं तुम विमलेश यादव की जमीन के मामले से दूर हो जाओ वरना तुम्हारे लिए अच्छा नहीं होगा ।
मैं दूर हो जाऊंगी लेकिन फिर कोई दूसरा वकील उस केस को ले लेगा।तब क्या करोगे ।उसने जवाब देते हुए कहा।
बाकी का छोड़ो तुम अपनी चिंता रहो वर्ना जो होगा उसकी जिमनेवार तुम खुद होगी । मैं किसी भी कीमत पर केस नही चोदूंगी तुमको जो करना है कर लेना ।फिर उसने फोन काट दिया ।
सुनंदा अपना काम खत्म कर ऑफिस की गाड़ी से घर की ओर निकल गई।
अभी आधी दूरी ही तय हुई थी की उसकी गाड़ी के पीछे के सीसे को तोड़ती हुई एक गोली उसके बालो को छूती हुई आगे के सीसे को चटकाती हुई बाहर निकल गई ।
वो फुर्ती से नीचे झुक गई।ड्राइवर ने कहा _ लगता है मैडम किसी ने हमला किया है ।
लग रहा है तुम गाड़ी को जितनी तेज भगा सकते हो भगाओ।मैं थाना को इन्फॉर्म करती हूं। सुनंदा ने कहा।
उसने तुरंत थाना को फोन कर अपने ऊपर हमले के बारे में बताते हुए कहा जल्दी पुलिस बल भेजे ।
उधर से उसका लोकेशन पूछा गया।उसने अपनी वर्तमान पोजीसन बता दिया ।तभी एक गोली और चली इस बार भी वो बाल बाल बची ।
तभी तक पुलिस की गाड़ी उसके पीछे बड़ी तेजी से आती नजर आई।उसने राहत की सांस ली।
पुलिस की गाड़ी ने उसे उसके घर तक सुरक्षित पहुंचा दिया ।
उसने थाना प्रभारी का अभार ब्यक्त किया ।दरोगा ने पूछा _ लेकिन ये हमला जिसने किया था ।
सुनंदा ने उसे फोन पर आई धमकी के बारे में बता दिया ।
ठीक है आप एक शिकायत पत्र दीजिए और उसका नंबर भी इसमें लिख कर दे दे ।
सुनंदा ने तुरंत एक शिकायत पत्र उसे लिखकर दे दिया।
अभी वो अपने घर में पहुंची ही थी की राहुल का फोन आया और उसने आज उसके साथ घटी घटना के बारे में बताया ।
सुनंदा ने भी उसे अपने ऊपर हुए जानलेवा हमले के बारे में बताया।
सुनकर दोनो एक दूसरे के लिए बहुत चिंतित हुए ।
राहुल को बिललेश ने थप्पड़ मारा यह सुनकर सुनंदा का चेहरा गुस्से से लाल हो गया।उसकी आंखे दहकने लगी थी।
अभी वो कहा है सुनंदा ने विमलेश के बारे में पूछा ।
थाना इंचार्ज ने बताया उसके वकील ने उसे जमानत पर छुड़ा ले गया है।राहुल ने बताया।
किसी भी कीमत पर उसे छोड़ना नहीं है ।उसको मटियामेट कर देना है।सुनंदा ने क्रोध से कापते हुए कहा ।उसने अपने अहंकार में तुमको थप्पड़ मार कर अच्छा नही किया ।
खुद को संभालो सुनंदा ।मुझे तुम्हारी भी फिक्र हो रही है।मैं अभी अपने ऊपर बात कर तुम्हारी और तुम्हारे घर की सुरक्षा का इंतजाम करता हूं। राहुल ने चिंतित होकर कहा ।
तुम भी अपनी सुरक्षा बढ़ा लो मुझे तुम्हारी भी चिंता हो रही है राहुल । सुनंदा ने भी चिंता करते हुए कहा ।

सुनंदा ने अपने ड्राइवर से कहा तुम गाड़ी यही छोड़ दो और ऑटो से चले जाओ कही फिर से गाड़ी पर हमला न हो जाए।ड्राइवर गाड़ी छोड़कर चला गया।
घर में सुनंदा के माता पिता ने अपने बेटी पर हुए हमले के बारे में सुना तो घवड़ा गए ।बेटी ये तुमने कैसा केस ले लिया है जिसमे तेरी जान पर बन आई है ।उसकी मां ने रोते हुए कहा ।
जमीन के काफी दूर तक फैली हुई थी जिसके चारो तरफ कंटीले तारों से घेराबंदी की हुई थी । सड़क के किनारे बड़ा सा गेट बना हुआ था। स्टील के चादर से बना हुआ गेट अंदर से बंद था ।उसके बाद बड़ा सा मकान बना हुआ था।पीछे कई गाड़िया खड़ी थी ।और बाकी जमीन खाली थी ।
गेट से काफी दूर राहुल और सुनंदा अपने पूरे दल बल के साथ खड़े थे ।करीब पच्चीस पुलिस को गाड़ियों में सैकड़ों पुलिस के जवान बुलेट प्रूफ जैकेट और हेमलेट पहने हुए अपने रायफलों के साथ राहुल के आदेश के इंतजार में खड़े थे।
राहुल ने माइक से घोषणा करते हुए कहा _ जमीन को खाली करने का आज अंतिम दिन है ।मैं एक घंटा और देता हूं ।इतने देर में सबलोग यहायदे जितनी जल्दी हो सके निकल जाओ।वरना टाइम पूरा होते ही प्रशासन हरकत ने मे आ जायेगा जिसका जिम्मेवार तुम सब होगे।
चार थानों के थाना इंचार्ज , दो इंस्पेक्टर,एक डी एस पी,और एक अंचल में अधिकारी के साथ मिडिया के प्रतिनिधि भी मौयूद थे।। दो एंबुलेंस , एक जोडर और दो बुलडोजर पूरी तरह तैनात खड़े थे।
सुनंदा राहुल से आगे की कार्यवाइ की योजना पर बात कर रही थी ।बाकी आधिकारी भी अपनी राय और सहमति दे रहे थे।
 सुनंदा ने राहुल के दोनो बॉडी गार्ड से कहा तुम दोनो केवल अपने साहब का ध्यान रखना ।इनको हर हाल में सुरक्षित रखना है।
एक घंटा पूरा होने के बाद भी अन्दर से कोई हरकत नहीं हुई । न गेट खुला न कोई बाहर आया ।
राहुल बुलडोजर ड्राइवर को आगे बढ़ने का आदेश दिया ।अपने पुलिस अधिकारियों को अपने जवानों को तैयार रहने को कहा ।
जैसे ही बुलडोजर ने पहला धक्का गेट पर दिया अंदर से अंधाधुंध गोलियां चलने लगी। 
सबने पोजीसन लेकर जवाबी फायरिंग शुरू कर दिया ।कुछ जवानों ने दोनो बुलडोजर को कवर कर रखा था ताकि उसका ड्राइवर सुरक्षित रहे ।
गेट टूट चुका था अब दोनो तरफ से आमने सामने की गोलीबारी शुरू हो चुकी थी ।
अंदर से लोग छिपकर गोलियां चला रहे थे लेकिन इधर सब लोग खुले में थे ।सुनंदा ने राहुल से कहा _ पुलिस की गाड़ियों को आगे करने बोलो और उसकी आड़ में फायर करने बोलो ।
उसने ऐसा ही किया तुरंत पुलिस की गाड़िया आगे आ गई और जवान उसकी आड़ में गोलियां से निशाना साधने लगे।अंदर से चीखे सुनाई दे रही थी ।
कुछ पुलिस के जवान भी घायल हो रहे थे ।
बुलडोजर ने अब मकान को गिराना शुरू किया ।पुलिस ने अंदर घुसकर उस मकान को चारो तरफ से घेर लिया था और जिधर से गोलियां चलाई जा रही रही थी उधर ही निशाना लगा रहे थे।
लगभग मकान गिर चुका था ।कई बदमाशो की लाशे इधर उधर पड़ी हुई थी । कई घायल थे जिन्हे पुलिस ने हिरासत ने लेकर एंबुलेंस में डाल दीया।
तभी बची हुक छत पर अचानक विमलेश अपनी बंदूक लिए हुए दिखा कोई कुछ समझ पाता उसने वहा से राहुल पर गोली चला दिया । सुनंदा ने उसके बगल में खड़ी सब देख रही थी ।उसने जैसे ही देखा गोली राहुल की तरफ़ आ रही है उसने उसे धक्का देकर जमीन पर गिरा दिया ।लेकिन तब तक देर हो चुकी थी गोली सीधे उसके पेट को चीरती हुई अंदर घुस गई । सुनंदा एक जोरदार चीख मारते हुए अपना पेट पकड़कर जमीन पर गिर पड़ी ।
राहुल को कुछ समझ नही आया ।लेकिन सुनंदा की चीख सुनकर वो जमीन से उठने की कोशिश किया तभी उसकी नजर खून से लथ पथ सुनंदा को देखा उसकी आंखे फटी रह गई ।उसका कलेजा मुंह को आ गया।उसने तुरंत उसे अपनी गोद में उठा लिया और अंबुलेश की तरफ भागा ।तभी डीएसपी ने चिल्लकर कहा _ छत पर फायर करो।कई जवानों ने तुरंत ऊपर गोलियों की बौछार कर दिया।विमलेश चीख मारता हुआ जमीन पर गिर पडा। उसका पुरा शारीर गोलियों से छलनी हो चुका था।
राहुल ने अंचल अधिकारी से कहा सीओ साहब आप पूरे जमीन पर कब्जा कर सरकारी बोर्ड लगवा दीजिए ।बाकी घायलों को दूसरी अंबुलेश से अस्पताल भेजे ।
डीएसपी साहब आप बाकी एक्सन जारी रखे कोई भी बचने न पाए।मैं सुनंदा के लेकर अस्पताल जा रहा हूं।
फिर वो उसे लेकर एंबुलेंस में बैठ गया।उसने एक बॉडी गार्ड को अंदर बुला कियाऔर दूसरे से कहा _ तुम मेरी गाड़ी मे आओ।
रास्ते में उसने सुनंदा के माता पिता को उसके घायल होने की खबर देकर सरकारी अस्पताल आने को कहा । फिर अपनी मां को बताया_ मां मेरी जान बचाते हुए सुनंदा को गोली लगी हो गई है तुम जल्दी अस्पताल आओ।राहुल ने सुनंदा से कहा _ तुम हिम्मत रखना हम जल्दी अस्पताल पहुंच जायेंगे ।तुमको कुछ नही होगा ।उसकी आंखे से आंसू निकल रहे थे ।जो उसकी जान थी आज उसकी ही जान पर बन आई है ।उससे बर्दास्त नही हो रहा है।
सुनंदा अपना होश खोते जा रही थी ।उसकी आंखे बंद होने लगी थी ।उसने धीरे से कहा _ अब मैं मर भी जाऊंगी तो कोई गम नही ।इससे अच्छा और क्या हो सकता है की तुम्हारी बांहों में मेरा दम निकलेगा ।
राहुल फफक पड़ा ।तुम एक दम पागल लड़की हो ।मेरे लिए अपनी जान दाव पर लगा दिया और अब मरने की बात कर रही हो।कुछ मत कहो ।बस अपनी आंखे मत बंद करना ।सुनंदा इतने दर्द में भी उसकी तड़प देख मुस्कुरा दी ।
अस्पताल में सुनंदा को तुरंत एडमिट कर उसका उपचार शुरू कर दीया गया।राहुल ने डॉक्टर से कहा इसे कुछ भी नही होना चाहिए डॉक्टर। इसे है हाल में बचाना है।
थोड़ी देर में सुनंदा के माता पिता ,राहुल की मां और दोनो भाई बहन ,राखी ,प्रवेश ,पांडेय जी और बबिता मौसी भी अपने दल बल सहित पहुंच गई ।
अस्पताल में अफरा तफरी मच गई । एस डी एम और मेयर की परिचित होने के कारण सुनंदा के इलाज के लिए पूरा अस्पताल जुट गया था।
सुनंदा की मां का रो रो कर बड़ा बुरा हो गया था । राखी भी बहुत दुखी हो रही थी ।सब लोग उसकी सलामती की दुआ कर रहे थे।
राहुल कुछ बोलने के हालत में नही था।
उसकी मां ने कहा बेटा मैंने सुनंदा को बड़ा गलत समझा था ।वो चाहे जो भी है लेकिन उसने तुम्हारे लिए अपनी जान दाव पर लगा दी ।इससे बड़ी बात क्या हो सकती है।वो तुमसे सच्चा प्यार करती है ।मैं उससे माफी मांग लूंगी ।
 भगवान करे उसका बाल भी बांका न हो ।बड़ी प्यारी लड़की है वो ।राहुल अपनी मां की बात सुनकर उसके सीने से लगकर रोने लगा ।
अगले दिन सारे अखबार में राहुल की बहादुरी की खूब तारीफ की गई थी ।जिस जमीन को कोई नहीं मुक्त करा सका ।उसे राहुल ने आते ही मुक्त करा दिया ।सुनंदा वकील ने इस केस में अपनी जान जोखिम में डाल दिया है। अभी वो अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती है । उसे गोली लगी है ।
लगभग एक महीने बाद सुनंदा बिल्कुल ठीक हो गई थी ।
सब लोग बहुत खुश हुए ।राहुल ने उसका स्वागत गुलदस्ते से किया ।
उसने कहा _ ये वही गुलदस्ता है जिसे तुमने लेने से मना कर दिया आज तो लेना ही पड़ेगा ।वो मुस्कुराते हुए गुलदस्ता ले ली।
कुछ महीनो के अंदर उसने पुष्पा को जेल से रिहा करवा दिया । इसमें पांडेय जी और राहुल ने भी मदद किया था।
कोर्ट के आदेश के मुताबिक पुष्पा ने पंद्रह लाख रुपए सुनंदा के खाते में जमा किए थे ।
सुनंदा ने उसे वापस देते हुए कहा इसे तुम रखो और अनाथ आश्रम और स्कूल के संचालन में लगाओ।
लेकिन इससे तुम्हारा इलाज हो जायेगा। पुष्पा ने कहा।
मेरी चिंता मत करो रख लो ।
बबिता ने कहा तुम्हारा दिल बहुत बड़ा है सुनंदा बेटी ।
तुमने मुझे क्या से क्या बना दिया ।अब पुष्पा को भी बहुत बड़ा मौका दे रही हो।
हमलोग चाहते है तुम्हारा इलाज हमलोग करवाए।लेकिन सुनंदा ने कहा मौसी मुझे मेरी फीस मिलेगी उससे करा लूंगी चिंता मत करो।
पुष्पा ने रोते हुए अपने दिल से लगा लिया और कहा _ मुझे माफ कर देना बेटी ।
राहुल को सरकार ने उसके साहस और उत्कृष्ट कार्य हेतु उसका प्रमोशन करते ही दूसरे जिला का डीएम बना दिया ।सुनंदा बहुत खुश हुई ।उसने उसे बधाई दिया।राहुल ने कहा _ मेरा यह प्रमोशन सच कहूं तो तुम्हारी वजह से मिला है।इसलिए इस मौके पर में तुमसे कुछ मांगना चाहता हूं ।दिल तो तुम दे ही चुकी हो अब हमेसा के लिए अपना हाथ भी दे दो ।
ये तुम मुझे गिफ्ट दे रहे हो या गिफ्ट मांग रहे हो ।सुनंदा ने हंसते हुए कहा ।
चाहे तुम जो समझो ।मैं डीएम बना हूं तो तुम्हारा ही हूं ,फिर इनाम तो तुम ही से मांगूंगा।राहुल ने कहा ।
फिर नीलम का क्या होगा ।वो भी तो तुमसे विवाह करना चाहती है।उसने पूछा।
उसने अपने लिए दूसरा लड़का देख लिया है मैने उसे बोल दिया था ।फिर तुमने मेरे लिए जो गोली खाई वो खुद ही पीछे हट गई ।राहुल ने बताया।
मेरा हाथ चाहिए बाबू तो तुम्हे तीन महीने और इंतजार करना होगा ।
उसने कहा ।
इसलिए की अभी मैं एक किन्नर हूं ।तीन महीने बाद पूरी तरह औरत बन जाऊंगी ।फिर तुम एक औरत से शादी करना मैं भी तुम्हारे ढेर सारे बच्चों की मां बनूंगी ।
सुनंदा की बात सुनकर राहुल जोर जोर से हंसने लगा।वो भी हंसने लगी ।तभी राहुल ने उसे अपनी मजबूत बांहों के बंधन में बांध लिया और उसके गालों और होठों पर चुम्मनो की बरसात kiar दिया।वो कसमसा कर रह गई ।उसे मना भी करती रही और करीब भी आती गई ।
आज इसने खुद को पूरा ढीला छोड़ दिया था ।राहुल को होश में लाते हुए उसने कहा _ अभी अधूरी हूं बाकी बाते पूरी होने के बाद ।फिर दोनो हसने लगे ।लेकिन राहुल ने उसे बंधन मुक्त नहीं किया ।ऐसी ही रहो सालो बाद इतनी करीब आई हो ।दिल को बड़ा सकूं मिल रहा है।
लेकिन सुनंदा ने उससे खुद को आजाद करते हुए कहा_ अब डीएम बन गए हो थोड़ा सब्र करना सीखो भागी नहीं जा रही हूं। तीन महीने बाद बारात लेकर आओ फिर मैं तुमको न रोकूंगी न टोकूंगी ।
अब मेरा इनाम दो।
राहुल ने अपनी जेब से निकलकर उसे चेक दिया ।तुम्हारी फीस है साढ़े पांच करोड़ रुपए।साथ में सरकार ने तुम्हे अपना लीगल एडवाइजर भी बना दिया है ।उसकी फीस अलग से मिलेगी तुम्हे ।इतना ही नही उस जमीन से पांच एकड़ जमीन भी तुम्हारे नाम से कर दिया गया है ये लो सबका पेपर ।राहुल ने उसे देते हुए कहा।
क्या साढ़े पांच करोड़ और जमीन मुझे तो विश्वास ही नहीं हो रहा है।उसका मुंह खुला का खुला रह गया।
ये तो बहुत कम है जिस तरह तुमने अपनी जान जोखिम में डाला था।राहुल ने कहा।
तीन महीने के अंदर सुनंदा का दोनो ऑपरेशन हो गया।राहुल की मां ने उसके घर जाकर दोनो के विवाह की बात तय किया।
चार महीने बाद दोनो को खूब धूमधाम से विवाह हो गया।
तीन साल बाद सुनंदा ने एक सुंदर कन्या और लड़के को जन्म दिया।
दोनो बच्चो के जन्म पर बबिता मौसी और पुष्पा दोनो ने जमकर नाचा था ।सुनंदा की मां ने टोकरी भर भर कर मिठाई खिलाई सबको।

समाप्त 

लेखक _ श्याम कुंवर भारती
             बोकारो ,झारखंड 
             मो. 9955509286



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1 Comments

Mohammed urooj khan

04-Nov-2023 12:50 PM

👍👍👍👍

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